आधुनिक हिंदी का इतिहासईसाई मिशन यदि राजकाज के लिए सरकारी स्तर पर हिन्दी गद्य का निर्माण और प्रसार फोर्ट विलियम कालेज के माध्यम से किया जाने लगा तो ईसाई धर्म के प्रचार के लिए ईसाई मिशनों ने भी हिन्दी गद्य के निर्माण में योग दिया। इस धर्म में धर्म प्रचाः के लिए ईसाई मिशन बरावर आया करते थे। पर बाइबिल ...
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History Of Modern Hindi | Ancient Form Of Hindi Language
आधुनिक हिंदी का इतिहास खड़ीबोली का गय : संघर्ष की कहानी इस देश की प्रान्तीय भाषाओं को पहला धक्का लगा जिसका कारण नवीन शिक्षा का प्रादुभवि था। कम्पनी सरकार ने सन् १८१३ में एक ऐक्ट बनाकर संस्कृत-फारसी की शिक्षा को प्रोत्साहित किया। राजा राममोहन राय इसके विरुद्ध थे; वे आधुनिकता ले आने के लिए पश्चिमी ढंग की शिक्षा आवश्यक समझते ...
Read More »Prose and beginning of Khadiboli poetry
गद्य और खड़ीबोली कविता का प्रारम्भ भारतेन्दु और उनका मण्डल जिन ऐतिहासिक परिस्थितियों में हिन्दी गद्य का निर्माण हो रहा था उन्हें में बेंगला-मराठी-गुजराती तथा अन्य भारतीय भाषाओं का गद्य भी विकसित और निर्मित हो रहा था। इसलिये अपनी अलग-अलग विशेषताओं के बावजूद उनके साहित्य में एक प्रकार का अदूभुत साम्य भी दिखाई देता है। देशभक्ति तथा अंग्रेजों की शोषण-नीति ...
Read More »Balkrishan Bhatt Life | Wiki | Bio
बालकृष्ण भटट (1884-1914) भारतेन्दु के समसामयिक निबन्ध-लेखकों में सच्चे अर्थ में दो ही निबन्धकार थे– प्रतापनारायण मिश्र और बालकृष्ण भटूट | दोनों के व्यक्तित्व में सादृश्य की अपेक्षा विसादृश्य अधिक है। मिश्र जी का व्यक्तित्व ग्राम्य था तो भट्ट जी का नागर। पहले में सरलता और मनमीजीपन था तो दूसरे में परिष्कृत और परिपक्वता। मिश्र जी कम पढ़े लिखे थे। पर भट्टजी संस्कृत के ...
Read More »Hindi outside Fort William College
आधुनिक हिंदी का इतिहास फोर्ट विलियम कालेज के बाहर की हिन्दी प्रशासनिक सुविधा के लिए सन् १८०० में अंग्रेजों ने कलकत्ते में फोर्ट विलियम कालेज की स्थापना की। इस कालेज में साहित्य और विज्ञान दोनों की शिक्षा का आयोजन किया गया। साहित्य में एक ओर तो क्लासिकल भाषा-साहित्य–अरबी, फारसी, संस्कृत-की शिक्षा दी जाने लगी और दूसरी ओर देशभाषा–हिन्दुस्तानी, भाख्वा, बँगला, ...
Read More »Badrinarayan Chaudhari
पंडित बदरीनारायण चौधरी उपाध्याय “प्रेमधन” ़ (१८९५-१८६४) बदरीनारायण चौधरी ने अपने पत्र “आनन्द कादम्बिनी! और ‘नागरी नीरद’ में अनेक लेख लिखे हैं। वे भारतेन्दु के विचारों क पूर्ण समर्थक थे। उन्होंने अपने कई लेखों में अंग्रेजी नीति का भंडोफोड़ किया है। उन्होंने साफ कहा है कि अंग्रेजी राज्य में कर के कारण जो क्लेश किसानों को अब सहना पड़ा है वह पहले मुसलमानों के राज्य में ...
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आधुनिक हिंदी का इतिहास फोर्ट विलियम कालेज की हिन्दी फोर्ट विलियम कालेज के मुंशी लल्लूलाल (१७६३१८३५४ ई०) और सदल मिश्र ने क्रमशः ‘प्रेमसागर” और “नासिकेतोपाख्यान’ पाठ्यपुस्तकें लिखीं। लल्लूलाल आगरे के रहनेवाले थे। जीविका की खोज में वे सन् १७८६ ई० में मुर्शिदावाद पहुँचे और मुवारक उद्दौला के सम्पर्क में आए, थोड़े दिनों तक वे नागौर नरेश रामकृष्ण के आश्रय में ...
Read More »Shri Dhar Pathak Biography
श्रीधर पाठक पं० श्रीधर पाठक का जन्म 11 जनवरी सन् 1860 को आगरा जिले के जोंधरी ग्राम में हुआ । जाति के ये सारस्वत ब्राह्मण थे । इनके पिता का नाम पं० लीलाधर और पितामह का धरणीथर शास्त्री था । इनकी प्रारंभिक शिक्षा संस्कृत में हुई । हिंदी प्रवेशिका करने के उपरांत सन् 1880 में एंट्रेस की परीक्षा इन्होंने प्रथम श्रेणी ...
Read More »Ayodhya Singh Upadhyay ” Hariaudh” Biography
अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध ‘ पं० अयोध्यासिंह उपाध्याय का जन्म सन् 1965 में तमसा नदी के किमरे निज़ामाबाद, जिला आज़मगढ़ में हुआ । ये जाति के सनाढय ब्राह्मण थे । इनके पूर्वज प॑० काशीनाथ उपाध्याय जहाँगीर के शासन-काल में दिल्ली में रहते थे । राजकोप के भाजन किसी व्यक्ति को संरक्षण देने के कारण अशुभ परिणाम की आशंका से भागकर ...
Read More »Jagannath Das Ratnakar Biography
जगन्नाथदास ‘ रत्नाकर’ बाबू जगन्नाथदास “रत्नाकर’ का जन्म सन् 1866 में वाराणसी में हुआ । जाति के ये दिललीवाल अग्रवाल वैश्य थे । इनके पूर्वज पानीपत जिले के रहने वाले थे और अकबर के शासन-काल से ही उच्च सरकारी पदों पर नियुक्त थे। मुग़ल-साप्राज्य के फ्तन पर इनके प्रपितामह सेठ तुलाराम पहले जहाँदारशाह के साथ लखनऊ आए और फिर काशी ...
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