आधुनिक हिंदी का इतिहासआधुनिकता हिन्दी साहित्य का पिछला दशक (१६६०-७०) आधुनिकता से विशेष प्रभावित है। आधुनिक और आधुनिकता में अन्तर है। ‘आधुनिक’ ‘मध्यकालीन’ से अलग होने की सूचना देता है। ‘आधुनिक’ वैज्ञानिक आविष्कारों और औद्योगीकरण का परिणाम है जब कि “आधुनिकता” औद्योगीकरण की अतिशयता, महानगरीय एकरसता, दो महायुद्धों की विभीषिका का फल है। वस्तुतः नवीन ज्ञान-विज्ञान, टेक्नोलॉजी के फलस्वरूप उत्पन्न ...
Read More »Tag Archives: History of Drama in Hindi Literature
History of Drama in Hindi Literature
नाटक नाटक दृश्य-श्रव्य काव्य है, इसलिए यह लोक-चेतना से अपेक्षाकृत अधिक घनिष्ठ रूप से सम्बद्ध है। जिस प्रथम प्रकरण का उल्लेख नाट्यशाखत्र में आता है उसके लेखन और अभिनय का मूल प्रेरक है–लोक चेतना। भारतेन्दु तथा उनके सहयोगियों ने इस चेतना के प्रसार के लिए नाटक को अत्यन्त उपयोगी माध्यम समझा। इसलिए स्वाभाविक था कि नाटकों में उस युग की अनेक समस्याओं को अभिव्यक्त ...
Read More »